CSK की हार पर लगा है सटोरियों का पैसा, इसलिए हार रही है टीम

IPL 2025, Chennai Super Kings: Chennai Superkings ने अपना पहला आईपीएल मुक़ाबला 23 मार्च 2025 को मुंबई के ख़िलाफ़ खेला जहाँ ऋतुराज ने धमाकेदार 26 गेंदों में 53 रन, और रचिन रवींद्र ने 45 गेंदो में 65 रनों की पारी खेली, वही दूसरी ओर नूर अहमद ने मुंबई के ख़िलाफ़ ज़बरदस्त गेंदबाज़ी की और सिर्फ़ 18 रन देकर 4 विकेट लिए।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि CSK की टीम कुल 6 मैचों में से सिर्फ़ एक ही मैच अभी तक जीत पायी है। इन 6 मैचों में से 4 मैच चेन्नई सुपरकिंग्स ने अपने घरेलू मैदान चिदंबरम स्टेडियम पर खेले है जिनमें से वह 3 मैच बुरी तरह से हारी है। ऐसे में CSK फैन्स के मन में प्रश्न उठ रहे है की वह टीम जो 2023 में IPL का ख़िताब जीती थी आख़िर कैसे हार रही है।

CSK के हारने के कुछ कारण तो साफ़ नज़र आ रहे है, और कुछ संदिग्थ है।

पावरप्ले में धीमी रनगति से रन बनाना है हार की सबसे पहली वजह

चेन्नई सुपर किंग्स (Chennai Super Kings) IPL Season 18 की एक मात्र ऐसी टीम है जिसने पावरप्ले में अभी तक सबसे कम रन रेट से रन बनाये है। सिर्फ़ अगर मुंबई के ख़िलाफ़ वाले मुक़ाबले को छोड़ दे जहाँ उन्होंने पावरप्ले में एक विकेट के नुक़सान पर 61 रन बनाये थे। तो बाक़ी बचे 5 मुकाबलों में उन्होंने करीब 7.50 के रन रेट से रन बनाये थे। जिसकी वजह से वह टीम आगे आने वाले बल्लेबाजों को मजबूत आधार नहीं दे पायी और मध्यक्रम में आने वाले बल्लेबाजों पर प्रेशर बढ़ता रहा। जिसके चलते खिलाड़ी उल्टे सीधे शॉट्स खेलकर आउट होते रहे।

CSK के ओपनर्स को चाहिए था कि वह शुरुवात में बहुत तेज़ी से रन बनाये ताकि उनके आउट होने के बावजूद अगले आने वाले बल्लेबाज़ के ऊपर रन रेट मेंटेन करने का प्रेशर न रहे, और वह खुल कर बल्लेबाजी कर सके।

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हार का दूसरा कारण इंटेंट की कमी और टीम का ख़राब समीकरण

RCB के ख़िलाफ़ खेले गए मुक़ाबले को यदि आप देखे तो आपको समझ आयेगा की CSK की टीम के अंदर न तो कोई जोश था न ही जीत का जज़्बा। जब चेन्नई के 74 रन के स्कोर पर 4 विकेट गिर गए थे तब टीम को 48 गेंदों में 122 रन चाहिए थे, और हमने इतने रन IPL के इतिहास में अक्सर बनते हुए देखे है। हाल में ही इस तरह का कारनामा दिल्ली कैपिटल्स के खिलाड़ी आशुतोष शर्मा ने किया था, रसेल, सुनील नारीन, रिंकू, वेंकटेश, हार्दिक पंडया जैसे कई खिलाड़ी है जिन्होंने इंटेंट से बल्लेबाजी कर अपनी टीम को जीत दिलायी या जीत कि काफ़ी क़रीब लाकर खड़ा कर दिया।

हालांकि इसके उलट CSK की इस टीम ने अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा काम किया। एमएस धोनी जैसे बल्लेबाज़ से पहले जडेजा और अश्विन को भेजकर बेवेक़ूफ़ी दिखाई। धोनी जैसा खिलाड़ी जिसने कई बार इस तरह की स्थिति से टीम को कई बार बाहर निकला है वह यदि 8वे या नवें नंबर पर बल्लेबाजी करने आयेगा तो आपकी जीत की आशंका वैसे ही कम हो जाएगी।

दूसरी ओर टीम के ऊपरी क्रम में कोई भी ऐसा धमाकेदार ओपनर नहीं है जो 200 के स्ट्राइक रेट से रन बनाने की काबिलियत रखता हो। रचिन रविंद्र प्रतिभाशाली खिलाड़ी ज़रूर है लेकिन IPL में वे अपने आपको को उतने अच्छे से साबित नहीं कर पाये है, जैसा की वह ICC टूर्नामेंट्स में करते है।

Chennai Super Kings की हार का तीसरा कारण सट्टेबाजी या फिक्सिंग

देखिए वैसे तो CSK 5 बार IPL के टाइटल जीत चुकी है, लेकिन हमे ये भी नहीं भूलना चाहिए कि इसी टीम को फिक्सिंग के वजह से 2 बार आईपीएल से बैन भी किया जा चुका है। वैसे तो IPL एक A grade लीग है जहाँ अब के समय में फिक्सिंग होना 10% ही संभव है, हालांकि हो सकता है की टीम पर सटोरियों का पैसा लगा हो और फ़्रैंचाइज़ी को जीत से ज़्यादा हार में फ़ायदा हो रहा हो।

क्यूंकि जिस तरह से टीम के खिलाड़ी आउट हो रहे है, हाथ में आई हुई कैच छोड़ रहे है, अच्छे खिलाड़ी बल्लेबाजी करने निचले क्रम पर आ रहे है, और सबसे बड़ी बात की टीम अपने ही मैदान पर हार रही है। ये कोई मामूली बात नहीं है, और टीम के ये हाव भाव और लक्षण सिर्फ़ फिक्सिंग के तरफ़ ही इशारा कर रहे है। हालांकि ये हमारा सिर्फ़ एक analysis मात्र है, और हम इस बात की पुष्टि नहीं करते।

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