इरफ़ान पठान का बड़ा खुलासा: धोनी उन्ही लोगो को टीम में लेते थे जो… 

भारतीय क्रिकेट जगत में एक नई बहस छिड़ गई है। पूर्व ऑलराउंडर इरफ़ान पठान का हालिया बयान सोशल मीडिया पर ज़बरदस्त चर्चा का विषय बना हुआ है। ट्विटर पर #Dhoni और #IrfanPathan लगातार ट्रेंड कर रहे हैं। मामला एमएस धोनी की कप्तानी से जुड़ा है, जिसमें इरफ़ान ने आरोप लगाया है कि टीम इंडिया में चयन और मौके देने में “हुक़्क़ा ग्रुप” को प्राथमिकता दी जाती थी।

इरफ़ान पठान का दावा

स्पोर्ट्स तक (Sports Tak) को दिए इंटरव्यू में इरफ़ान ने साफ कहा:

“टीम में ऐसे खिलाड़ियों को मौके मिलते थे जो धोनी के करीबी थे और जो उनके कमरे में जाकर हुक्का सेट करते थे, मैं पठान हूँ, मैंने ऐसा करने से मना कर दिया और शायद इसलिए मेरा आगे टीम में चयन नहीं हुआ और मेरा करियर समय से पहले खत्म हो गया”, इरफ़ान का यह बयान क्रिकेट फैंस के बीच ‘हुक़्क़ा गैंग‘ बहस को जन्म दे चुका है। कई यूज़र्स का कहना है कि यह “ड्रेसिंग रूम पॉलिटिक्स” का सबसे बड़ा खुलासा है।

सोशल मीडिया पर फैंस की प्रतिक्रियाएँ

  • एक यूज़र ने लिखा: “इरफ़ान पठान 2007 T20 वर्ल्ड कप फाइनल के हीरो थे। फिर क्यों उन्हें बाहर किया गया? अब उनकी बातों से तस्वीर साफ होती है।”
  • दूसरे फैन ने तंज कसते हुए कहा: “हुक़्क़ा बनाने वालों को मौका और टैलेंटेड खिलाड़ियों को लाइन से बाहर – यही था उस दौर का फॉर्मूला।”
  • वहीं धोनी के समर्थक कह रहे हैं कि यह सब “पब्लिसिटी स्टंट” है और धोनी हमेशा टीम के लिए सही फैसले लेते थे।

धोनी पर बढ़ते सवाल

एमएस धोनी को अब तक भारत का सबसे सफल कप्तान माना जाता है। उनकी कप्तानी में भारत ने 2007 T20 वर्ल्ड कप, 2011 वनडे वर्ल्ड कप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी जीती। लेकिन इरफ़ान का यह आरोप उनकी छवि पर सवाल खड़े कर रहा है। कुछ फैंस का कहना है कि यह आरोप नया नहीं है। पहले भी कई खिलाड़ियों ने इशारों-इशारों में कहा था कि चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी थी।

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इरफ़ान का करियर और दर्द

इरफ़ान पठान 2003 में टीम इंडिया से जुड़े और उन्हें अगला कपिल देव कहा जाने लगा।

  • 120 वनडे में 173 विकेट और 1544 रन
  • 29 टेस्ट में 100 विकेट और 1105 रन

इतने शानदार रिकॉर्ड के बावजूद इरफ़ान को टीम से बाहर होना पड़ा। ट्विटर पर फैंस का कहना है कि “अगर इरफ़ान को धोनी का सपोर्ट मिलता तो उनका करियर और लंबा होता।”

सोशल मीडिया पर बहस

इस मुद्दे ने सोशल मीडिया को दो हिस्सों में बाँट दिया है इरफ़ान समर्थक और धोनी समर्थक। इरफान समर्थक मानते हैं कि धोनी ने अपने करीबी खिलाड़ियों को तरजीह दी। वही धोनी समर्थकों का कहना हैं कि यह सब अफवाह है और धोनी ने हमेशा टीम इंडिया के लिए सोचा। एक यूज़र ने मज़ाकिया लहजे में लिखा: “टीम इंडिया में सिलेक्शन नहीं, हुक़्क़ा कनेक्शन चलता था।”

इरफ़ान पठान का मीडिया में दिया गया यह बयान आने वाले समय में और विवाद खड़ा कर सकता है। धोनी के फैंस और इरफ़ान के समर्थकों के बीच यह बहस अब थमने वाली नहीं दिख रही। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस आरोप पर धोनी या बीसीसीआई की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया आती है या नहीं।

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