Champions Trophy 2025: चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का फाइनल मैच भारत और न्यूजीलैंड के बीच 9 मार्च को खेला गया। इस थ्रिलर मैच में शुरुवात से लेकर कुछ बेहतरीन पल रहे फिर चाहे वह फ़िलिफ़्स द्वारा उड़ता हुआ शुभमन गिल का कैच हो या फिर रचिन रविंद्र और केन विलियमसन का विकेट। पूरे मैच के दौरान पलड़ा कभी भारत की ओर झुका तो कभी न्यूज़ीलैंड की ओर। बावजूद इसके टीम के सम्पूर्ण बोलिंग और बैटिंग परफॉरमेंस के चलते भारत ने ये मैच 4 विकेट से जीतकर 2025 की चैंपियन ट्रॉफी उठायी।
आपकी जानकारी के लिए बता दे रोहित शर्मा ने बतौर कप्तान लगातार दूसरा आईसीसी इवेंट जीताकर अपनी टीम को विजयी बनाया है। इससे पहले 2024 में भारत ने टी20 वर्ल्ड कप जीता था।
चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की ये तीसरी जीत है, हालांकि कुछ लोगों ने भारत की इस जीत को खट्टा करने में कुछ कसर नहीं छोड़ी।
अंग्रेज़ी मीडिया, उनके पूर्व खिलाड़ी और उनके अखबारों ने भारत के ख़िलाफ़ उगला ज़हर
भारत के अपने पहले दो लीग मैच जीतने के बाद इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी जैसे ‘नासिर हुसैन’ और ‘माइकल एथर्टन’ ने एक पॉडकास्ट में कहा कि भारत को चैंपियंस ट्रॉफी में एक जगह रहने, एक जगह खेलने और ट्रैवल ना करने का फ़ायदा है। उन्होंने कहा कि भारत एक ही ग्राउंड में खेल रहा है, एक ही होटल में रह रहा है और उनको कंडीशंस का पूर्ण अनुमान है।
अब प्रश्न ये उठता है कि जब चैंपियन ट्रॉफी का शेड्यूल आया था तब सबको ये बात पता थी की भारत अपने सारे मैच दुबई में खेलेगा। यदि भारत पाकिस्तान जाता तो भी वह अपने सारे मैच लाहौर में खेलता, और एक ही होटल में रहता। मुझे नहीं समझ आता कि इससे क्या फ़र्क़ पड़ता ? यदि किसी टीम या खिलाड़ी को इतनी ही तकलीफ़ थी तब उन्होंने इस बात का ज़िक्र टूर्नामेंट शुरू होने से पहले क्यों नहीं किया?
यही हाल कुछ ऑस्ट्रेलियन मीडिया का भी है। वह साउथ अफ़्रीका और न्यूज़ीलैंड के कंधे पर बंदूक रखके भारत पर निशाना साध रहे है। उनकी हेडलाइंस में ज़िक्र है कि भारत मैच तो जीता लेकिन न्यूज़ीलैंड के 7000 किलोमीटर के ट्रैवल को इग्नोर नहीं किया जा सकता। जबकि एक मैच खेलने के बाद न्यूजीलैंड को ना सिर्फ़ कंडीशंस का अनुमान हो गया था बल्कि उन्होंने वहाँ काफ़ी समय बिताया, प्रैक्टिस की और आख़िरकार उन्होंने भी भारत की तरह 4 स्पिनर खिलाए। ऐसे में ये वेन्यू का फायदा नहीं बल्कि स्किल गेम था। जिसने अच्छा खेला वही जीता।
वेन्यू का फायदा यदि किसी को था तो वह इन टीमों को था
दरअसल सही मायनो में देखने तो वेन्यू का फायदा भारत को नहीं बल्कि इंग्लैंड, पाकिस्तान, साउथ अफ़्रीका और न्यूज़ीलैंड को था।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चैंपियंस ट्रॉफी से थोड़ा पहले इंग्लैंड की टीम पाकिस्तान में एक टेस्ट सीरीज़ खेलकर गई थी जहाँ पाकिस्तानी स्पिनर्स ने उनकी टीम का सफाया कर दिया था। इंग्लैंड के अलावा साउथ अफ़्रीका, न्यूज़ीलैंड और पाकिस्तान ने इन ही ग्राउंड्स में ट्री-सीरीज (Tri-series) खेली थी। जिससे उनको कंडीशंस के लिहाज से ही नहीं बल्कि तैयारी के लिहाज़ से भी काफ़ी फ़ायदा मिला, जिसके बारे में तो कोई बात ही नहीं कर रहा है।
वही अगर मेजबान देश पाकिस्तान की बात करें तो वह अपने घर में खेल रहे थे और दुबई को तो उनका दूसरा घर कहा जाता है, लेकिन फिर भी वे कंडीशंस का फायदा नहीं उठा पाये।
हालांकि कुछ लोग भारत पर आरोप लगा रहे है की भारत को वेन्यू का फ़ायदा था। जबकि दुबई ना तो भारत का होम ग्राउंड है और ना ही भारत काफ़ी समय तक दुबई में खेला है। बल्कि सही माइने में देखा जाये तो भारत ने अपने सारे मैच कठिन परिस्थितियों में खेले है, जबकि ग्रुप-बी की टीमों ने पाकिस्तान की फ्लैट पिच पर।
ऐसे में फायदा किसको था ? यदि वेन्यू और कंडीशंस का इतना ही फ़ायदा होता तो ये फायदा सबसे पहले पाकिस्तान, इंग्लैंड, साउथ अफ़्रीका जैसी टीमों को होना चाहिए था। लेकिन सिर्फ़ वेन्यू एक होने से मैच नहीं जीते जाते बल्कि स्किल से जीते जातें है, जैसे भारत ने जीते है।
इन टीमों के अलावा ऑस्ट्रेलिया को भी वेन्यू का फायदा मिला, जहाँ बारिश की वजह से उन्हें 2 अंक मिले। यदि उनको फ्री के 2 अंक ना मिलते तो शायद वह सेमीफाइनल भी भी ना पहुँच पाते। ऐसे में अंग्रेजी और ऑस्ट्रेलियन मीडिया को अपने गिरेबान में देखने की आवश्यकता है।
जो लोग भारत के ऊपर सवाल उठा रहे है उनको बता दे की भारत एक मात्र ऐसी टीम है जिसने अपने आखरी 23 मैच में से 22 जीते है और सिर्फ़ एक फाइनल ऑस्ट्रेलिया से हारा है, और भारत ये सारे मैच एक ही वेन्यू में खेलकर नहीं बल्कि अलग अगल कंडीशंस और ग्राउंड्स में खेलकर अपने स्किल से जीता है।