विक्रांत ‘मजबूर’ गुप्ता vs बाखरी ‘मजदूर’, के बीच शुरू हुई ‘चैंपियंस ट्रॉफी 2025’ को लेकर जुबानी जंग

नवंबर 15, 2024: जैसे की आप सब लोग जानते है की 2025 में चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन होने जा रहा है। जिसके होस्टिंग राइट्स पाकिस्तान को दिए गए है।

हालाँकि BCCI ने भारतीय क्रिकेट टीम को पाकिस्तान भेजने से सख्त मन कर दिया है। BCCI के मना करने के बाद पाकिस्तान में चैंपियंस ट्रॉफी एक हॉट टॉपिक बन गया है जो उनके हर एक न्यूज़ चैनल, Youtube चैनलस और पूर्व खिलाड़ियों द्वारा डिसकस किया जा रहा है।

भारत का मानना है की यदि उनके खिलाडी पाकिस्तान जाते है तो उनकी जान को खतरा हो सकता है। इसलिए वे चाहते है की चैंपियंस ट्रॉफी हाइब्रिड मॉडल में हो, जिसमे सारे होस्टिंग के राइट्स पाकिस्तान के पास ही रहेंगे मगर भारत अपने मैच पाकिस्तान में न खेलकर किसी अन्य वेन्यू पर खेले।

खबरों के अनुसार अन्य वेन्यू में सबसे पहले दुबई, और फिर श्रीलंका और साउथ अफ्रीका का नाम आ रहा है।

हालांकि पीसीबी इसका जमकर विरोध कर रही है।

पाकिस्तानी Youtuber एजाज़ वसीम बाखरी ने विक्रांत गुप्ता को कहा ‘मजबूर’

Vikrant Majboor Gupta or Majboot?
Vikrant Majboor Gupta or Majboot?

इसी बीच ‘स्पोर्ट्स तक‘ के वरिष्ठ पत्रकार ‘विक्रांत गुप्ता’ ने अपने यूट्यूब चैनल पर अपनी राय दी जो एक पाकिस्तानी Youtuber एजाज़ वसीम बाखरी, जो की BBN स्पोर्ट्स नाम का यूट्यूब चैनल चलाते है, उनको अच्छी नहीं लगी और उन्होंने अपने वीडियो में उन्हें ‘मजबूर’ कह दिया, और कहा की वह दबाब में है और खुल कर सच नहीं बोल पा रहे है।

अब इसे पाकिस्तान परस्ती कहे या विक्रांत गुप्ता का निष्पक्ष जर्नलिज्म, जिसके चक्कर में वह पहले भारतीयों द्वारा ट्रोल हो रहे थे और अब पाकिस्तानियो द्वारा।

हालांकि विक्रांत गुप्ता का सच पाकिस्तानियो के गले नहीं उतरा क्युकी उनको लगता था की विक्रांत उनके हित की ही बात करेंगे।

लेकिन विक्रांत गुप्ता ने जैसी ही पाकिस्तानियो को सच का सामना कराया, पाकिस्तानी Youtuber ‘बाखरी’, जो की बेफिज़ूल की बात करने के लिए जाने जाते है उन्होंने ज़ुबानी जुंग शुरू कर दी।

‘विक्रांत गुप्ता’ ने BBN स्पोर्ट्स के पत्रकार ‘बाखरी’ को दिया करारा जवाब

Vikrant Gupta gives reply to BBN Sports Journalist 'Ejaz Wasim Bakhri'
Image Credit-Sportstak

बाखरी के ‘मजबूर’ वाले जवाब में विक्रांत ने स्पोर्ट्स तक पर एक नया वीडियो डाला जिसका टाइटल था ‘मजबूरी का सच’ vs ‘मज़दूरी की दुकान’

गुप्ताजी ने वीडियो में कहा की सच्ची मजबूरी झूठी मजदूरी से ज्यादा अच्छी है। जो की कही न कही सच भी है क्यूँकि पाकिस्तान के पत्रकारों में वह हिम्मत नहीं है की वह अपनी सरकार के खिलाफ कुछ कह सके, उनको सरकार की मज़दूरी ही करनी पड़ती है। वह उन्ही खबरों को चलाते है जो उन्हें कहा जाता है।

पाकिस्तान में जो भी उनकी सरकार के खिलाफ बोलता है, या तो इसकी आवाज़ को दबा दिया जाता है या फिर जेल में डाल दिया जाता है।

ऐसे में विक्रांत का ये कहना की सच्ची मजबूरी झूठी मजदूरी से बेहतर है काफी हद तक सही है।

लेकिन विक्रांत गुप्ता को चाहिए की वह साँप को दूध पिलाना बंद करे और अपना स्टैंड साफ़ रखे। नहीं तो वह समय समय पर इसी तरह से पाकिस्तानियो से धोका खाएंगे, जो की पाकिस्तानियो की फिदरत भी रही है।

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